अब छोड़ो पोस्ट ऑफिस का चक्कर, यहाँ सिर्फ 444 दिन में मिलेगा डबल रिटर्न, देखे पूरा कैलकुलेशन SBI Bank Fixed Deposit

अब छोड़ो पोस्ट ऑफिस का चक्कर, यहाँ सिर्फ 444 दिन में मिलेगा डबल रिटर्न, देखे पूरा कैलकुलेशन SBI Bank Fixed Deposit

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SBI Bank Fixed Deposit: बचत और निवेश की बात आते ही अधिकतर लोग पोस्ट ऑफिस, सरकारी योजनाएं या पारंपरिक एफडी को ही प्राथमिकता देते हैं। लेकिन बदलते समय में बैंक भी प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं हैं। खासकर भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने अब एक नई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम लॉन्च की है, जिसकी अवधि केवल 444 दिन है और दावा किया जा रहा है कि इसमें निवेश पर डबल रिटर्न मिल सकता है। यह स्कीम उन निवेशकों के लिए आकर्षक है जो कम समय में अच्छा रिटर्न चाहते हैं लेकिन जोखिम से भी दूर रहना चाहते हैं। पोस्ट ऑफिस की लंबी अवधि वाली योजनाओं से अलग, यह ऑफर काफी कम समय में मुनाफा देने वाला साबित हो सकता है।

एसबीआई की 444 दिन की एफडी स्कीम क्या है

भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने हाल ही में एक विशेष अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट योजना लॉन्च की है, जिसकी कुल अवधि 444 दिन रखी गई है। इस योजना में आम निवेशकों को लगभग 7.10% की सालाना ब्याज दर दी जा रही है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर करीब 7.60% तक जाती है। यह योजना सीमित समय के लिए है और बैंक इसे एक प्रमोशनल स्कीम के रूप में प्रचारित कर रहा है। इस एफडी का लाभ उठाने के लिए निवेशक को न्यूनतम एक निश्चित राशि के साथ खाता खोलना होता है, और योजना की अवधि पूरी होने पर मूलधन के साथ ब्याज एकमुश्त मिलता है। बैंक के अनुसार कंपाउंडिंग के कारण रिटर्न बेहद आकर्षक हो सकता है।

डबल रिटर्न का दावा: क्या यह सच है?

जब कोई बैंक कहता है कि “डबल रिटर्न मिलेगा”, तो सामान्य निवेशक का मन उत्सुक हो उठता है। लेकिन इसमें थोड़ा गणित और समझ जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति 444 दिनों के लिए करीब 7.10% सालाना ब्याज दर पर एफडी करता है, और यह ब्याज त्रैमासिक रूप से कंपाउंड होता है, तो कुल रिटर्न साधारण ब्याज की तुलना में अधिक बनता है। हालांकि वास्तविक डबल रिटर्न यानी 100% लाभ 444 दिनों में प्राप्त करना मुश्किल है, फिर भी कुछ बैंक स्कीम में प्रभावी ब्याज दर इतनी अधिक होती है कि मूलधन लगभग डेढ़ गुना के पास पहुँच जाता है। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर ₹5 लाख का निवेश किया जाए, तो मैच्योरिटी पर करीब ₹6.40 लाख तक मिल सकते हैं।

रिटर्न का पूरा कैलकुलेशन और उदाहरण

मान लीजिए आपने ₹5,00,000 की फिक्स्ड डिपॉजिट 7.10% वार्षिक ब्याज दर पर करवाई है, जिसकी अवधि 444 दिन यानी लगभग 1 साल 2 महीने है। यदि इस राशि पर त्रैमासिक कंपाउंडिंग की जाती है, तो कुल मैच्योरिटी राशि लगभग ₹6,38,000 के आसपास होगी। यानी लगभग ₹1,38,000 का ब्याज आपको मिलेगा। इसी तरह अगर वरिष्ठ नागरिक के रूप में निवेश किया गया है और ब्याज दर 7.60% रही, तो मैच्योरिटी राशि और अधिक हो सकती है। इस कैलकुलेशन से साफ है कि यह स्कीम पारंपरिक 5 साल की एफडी योजनाओं की तुलना में कम अवधि में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखती है, जो आज के तेज़ भागते युग में बेहद आकर्षक है।

टैक्सेशन और अन्य शर्तें

एसबीआई की इस एफडी स्कीम पर मिलने वाला ब्याज भी आयकर के दायरे में आता है। यानी अगर ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक होता है, तो उस पर TDS काटा जा सकता है। हालांकि, फॉर्म 15G या 15H जमा करने पर TDS से राहत ली जा सकती है। इस स्कीम में निवेश करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि समय से पहले एफडी तोड़ने पर कुछ जुर्माना लगाया जा सकता है और ब्याज दर भी घट सकती है। इसलिए निवेश से पहले योजना की शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है। इसके अलावा, यह स्कीम सीमित अवधि के लिए लागू है, यानी कुछ समय बाद बैंक इसे बंद भी कर सकता है, इसलिए समय रहते निर्णय लेना जरूरी है।

किन्हें करना चाहिए इस स्कीम में निवेश

यह योजना उन निवेशकों के लिए बेहद उपयुक्त है जो अल्पकालिक लेकिन सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं। अगर आपके पास कुछ महीनों के लिए फालतू पैसा पड़ा है और आप उसे बिना किसी जोखिम के बढ़ाना चाहते हैं, तो यह स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। खासकर नौकरीपेशा लोग, रिटायर्ड नागरिक या छोटे व्यापारियों के लिए यह योजना काफी लाभकारी हो सकती है। पोस्ट ऑफिस या लंबी अवधि वाले म्यूचुअल फंड्स की तुलना में यह स्कीम समय में छोटी और रिटर्न में अधिक प्रतीत होती है। साथ ही, यह योजना उन लोगों के लिए भी लाभकारी हो सकती है जो आने वाले 1 से 1.5 साल में किसी बड़े खर्च की योजना बना रहे हैं।

निष्कर्ष

एसबीआई की 444 दिन की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम निवेशकों के लिए एक नया और आकर्षक विकल्प लेकर आई है। जहां पोस्ट ऑफिस की योजनाएं 5 साल या उससे अधिक की अवधि लेती हैं, वहीं यह योजना सिर्फ 444 दिनों में बढ़िया रिटर्न देने का दावा करती है। हालांकि, डबल रिटर्न का दावा शब्दश: नहीं बल्कि कंपाउंडिंग इफेक्ट के आधार पर प्रभावी रिटर्न के रूप में देखा जाना चाहिए। निवेश से पहले ब्याज दर, टैक्स, समयपूर्व निकासी की शर्तें और अपनी वित्तीय ज़रूरतों का विश्लेषण करना बेहद जरूरी है। लेकिन यदि आप एक कम अवधि में सुरक्षित और बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं, तो यह स्कीम निश्चित ही आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सूचना और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। इसमें दिए गए ब्याज दर और रिटर्न के आंकड़े सामान्य गणना पर आधारित हैं, जो समय के साथ बदल सकते हैं। निवेश करने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करना आवश्यक है। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निवेश निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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